Tu Chahiye Song Information
Tu Chahiye Is A Song By Atif Aslam. Lyrics Are Penned By Amitabh Bhattacharya While Music Is Produced By Pritam Chakraborty. Official Music Video Is Released On Official Channel.
Song Name | Tu Chahiye |
Film/Album | Bajrangi Bhaijaan |
Language | English/Hindi |
Singer | Atif Aslam |
Lyrics By | Amitabh Bhattacharya |
Composer | Pritam Chakraborty |
Produce By | Pritam Chakraborty |
Genre | Salman Khan, Kareena Kapoor Khan |
Release year | 2015 |
Tu Chahiye Lyrics
Haal-e-Dil ko sukoon chahiye
Poori ik aarzoo chahiye
Jaise pehle kabhi kuch bhi chaaha nahi
Waise hi kyun chahiye
Dil ko teri mojoodgi ka ehsaas yun chahiye
Tu chahiye, tu chahiye
Shaam-o-subah tu chahiye
Tu chahiye.. Tu chahiye..
Har martabaa Tu chahiye
Jitni dafaa.. zidd ho meri
Utni dafaa.. haan, Tu chahiye
Wo o…
Wo oo…
Koi aur dooja kyun mujhe
Na tere siva chahiye
Har safar mein mujhe
Tu hi rehnuma chahiye
Jeene ko bas mujhe
Tu hi meherbaan chahiye
Ho..
Seene mein agar tu dard hai
Na koi dawaa chahiye
Tu lahu ki tarah
Ragon mein rawaan chahiye
Anjaam jo chaahe mera ho
Aagaaz yun chahiye
Tu chahiye, tu chahiye
Shaam-o-subah tu chahiye
Tu chahiye.. tu chahiye..
Har martabaa tu chahiye
Jitni dafaa.. zidd ho meri
Utni dafaa.. haan, tu chahiye
Wo o…
Wo oo…
Mere zakhmon ko teri chhuan chahiye
Meri shamma ko teri agan chahiye
Mere khwaab ke aashiyane mein tu chahiye
Main kholun jo aankhein sirhane bhi tu chahiye
Wo ho…
Wo ho ho…
Hindi Lyrics
हाल-ए-दिल को सुकून चाहिये
पूरी एक आरजू चाहिये
जैसे पहले कभी कुछ भी चाहा नहीं
वैसे ही क्यूँ चाहिये
दिल को तेरी मौजूदगी का एहसास यूँ चाहिये
तू चाहिये, तू चाहिये
शाम-ओ-सुबह तू चाहिये
तू चाहिये.. तू चाहिये..
हर मर्रतबा.. हाँ, तू चाहिये
जितनी दफा.. जिद हो मेरी
उतनी दफा.. हाँ, तू चाहिये
वो ओ…
वो ओ…
कोई और दूजा क्यों मुझे
ना तेरे सिवा चाहिये
हर सफर में मुझे
तू ही रहनुमा चाहिये
जीने को बस मुझे
तू ही मेहरबां चाहिये
हो..
सीने में अगर तू दर्द है
ना कोई दवा चाहिये
तू लहू की तरह
रगों में रवां चाहिये
अंजाम जो चाहे मेरा हो
आगाज यूँ चाहिये
तू चाहिये, तू चाहिये
शाम-ओ-सुबह तू चाहिये
तू चाहिये.. तू चाहिये..
हर मर्रतबा हाँ, तू चाहिये
जितनी दफा.. जिद हो मेरी
उतनी दफा.. हाँ, तू चाहिये
वो आ…
वो आ…
मेरे जख्मों को तेरी छुवन चाहिये
मेरी शमां को तेरी अगन चाहिये
मेरे ख्वाब के आशियाने में तू चाहिये
मैं खोलूँ जो आँखें सिरहाने भी तू चाहिये
वो ओ…
वो ओ…